Monday, August 31, 2015

बजरंग बली की व्रत कथा और व्रत विधि : Shri Hanuman vrat katha

बजरंग बली की व्रत कथा और व्रत 


विधि : Shri Hanuman vrat katha

JAI MAHABIR HANUMAN

 JAIHANUMAN

भारत में हनुमान जी को अजेय माना जाता है. हनुमान जी अष्टचिरंजीवियों में से एक हैं. कलयुग में हनुमान जी ही एक मात्र ऐसे देवता हैं जो अपने भक्तो पर शीघ्र कृपा करके उनके कष्टों का निवारण करते हैं. मंगलवार भगवान हनुमान का दिन है. इस दिन व्रत रखने का अपना ही एक अलग महत्व है.

मंगलवार व्रत की विधि

सर्व सुख, रक्त विकार, राज्य सम्मान तथा पुत्र की प्राप्ति के लिये मंगलवार का व्रत उत्तम है. इस व्रत में गेहूँ और गुड़ का ही भोजन करना चाहिये. भोजन दिन रात में एक बार ही ग्रहण करना ठीक है. व्रत 21 सप्ताह तक करें. मंगलवार के व्रत से मनुष्य के समस्त दोष नष्ट हो जाते है. व्रत के पूजन के समय लाल पुष्पों को चढ़ावें और लाल वस्त्र धारण करें. अन्त में हनुमान जी की पूजा करनी चाहिये. तथा मंगलवार की कथा सुननी चाहिये. मान्यता है कि स्त्री व कन्याओं के लिए यह व्रत विशेष लाभप्रद होता है. उनके लिए पति के अखंड सुख व संपत्ति की प्राप्ति होती है.


Hanumanमंगलवार व्रत की कथा : Tuesday Fast Story ( 
Shri Hanuman vrat katha)

एक ब्राम्हण दम्पत्ति के कोई सन्तान न हुई थी, जिसके कारण पति-पत्नी दुःखी थे. वह ब्राहमण हनुमान जी की पूजा हेतु वन में चला गया. वह पूजा के साथ महावीर जी से एक पुत्र की कामना प्रकट किया करता था. घर पर उसकी पत्नी मंगलवार व्रत पुत्र की प्राप्ति के लिये किया करती थी. मंगल के दिन व्रत के अंत में भोजन बनाकर हनुमान जी को भोग लगाने के बाद स्वयं भोजन ग्रहण करती थी. एक बार कोई व्रत आ गया. जिसके कारण ब्राम्हणी भोजन न बना सकी. तब हनुमान जी का भोग भी नहीं लगाया. वह अपने मन में ऐसा प्रण करके सो गई कि अब अगले मंगलवार को हनुमान जी को भोग लगाकर अन्न ग्रहण करुंगी.


Hanuman Lord Ramवह भूखी प्यासी छः दिन पड़ी रही. मंगलवार के दिन तो उसे मूर्छा आ गई तब हनुमान जी उसकी लगन और निष्ठा को देखकर अति प्रसन्न हो गये. उन्होंने उसे दर्शन दिए और कहा – मैं तुमसे अति प्रसन्न हूँ. मैं तुझको एक सुन्दर बालक देता हूँ जो तेरी बहुत सेवा किया करेगा. हनुमान जी मंगलवार को बाल रुप में उसको दर्शन देकर अन्तर्धान हो गए. सुन्दर बालक पाकर ब्राम्हणी अति प्रसन्न हुई . ब्राम्हणी ने बालक का नाम मंगल रखा .


Hanuman Jayantiकुछ समय पश्चात् ब्राहमण वन से लौटकर आया. प्रसन्नचित्त सुन्दर बालक घर में क्रीड़ा करते देखकर वह ब्राहमण पत्नी से बोला – यह बालक कौन है. पत्नी ने कहा – मंगलवार के व्रत से प्रसन्न हो हनुमान जी ने दर्शन दे मुझे बालक दिया है. पत्नी की बात छल से भरी जान उसने सोचा यह कुलटा व्याभिचारिणी अपनी कलुषता छुपाने के लिये बात बना रही है. एक दिन उसका पति कुएँ पर पानी भरने चला तो पत्नी ने कहा कि मंगल को भी साथ ले जाओ. वह मंगल को साथ ले चला और उसको कुएँ में डालकर वापिस पानी भरकर घर आया तो पत्नी ने पूछा कि मंगल कहाँ है.


तभी मंगल मुस्कुराता हुआ घर आ गया. उसको देख ब्राहमण आश्चर्य चकित हुआ, रात्रि में उसके पति से हनुमान जी ने स्वप्न में कहे – यह बालक मैंने दिया है. तुम पत्नी को कुलटा क्यों कहते हो. पति यह जानकर हर्षित हुआ. फिर पति-पत्नी मंगल का व्रत रख अपनी जीवन आनन्दपूर्वक व्यतीत करने लगे. जो मनुष्य मंगलवार व्रत कथा को पढ़ता या सुनता है और नियम से व्रत रखता है उसे हनुमान जी की कृपा से सब कष्ट दूर होकर सर्व सुख प्राप्त होता है .

मंगलवार के व्रत की आरती – Hanuman Chalisa


आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ।।
जाके बल से गिरिवर कांपै । रोग-दोष जाके निकट न झांपै ।।
अंजनि पुत्र महा बलदाई । संतन के प्रभु सदा सहाई ।।
दे बीरा रघुनाथ पठाए । लंका जारि सिया सुधि लाये ।।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई । जात पवनसुत बार न लाई ।।

लंका जारि असुर सब मारे । सियाराम जी के काज संवारे ।।
लक्ष्मण मूर्च्छित पड़े सकारे । लाय संजीवन प्राण उबारे ।।
पैठि पताल तोरि जमकारे । अहिरावण की भुजा उखारे ।।
बाईं भुजा असुर संहारे । दाईं भुजा संत जन तारे ।।
सुर नर मुनि आरती उतारें । जय जय जय हनुमान उचारें ।।

कंचन थार कपूर लौ छाई । आरति करत अंजना माई ।।
जो हनुमान जी की आरती गावे । बसि बैकुण्ठ परमपद पावे ।।
लंक विध्वंस किए रघुराई । तुलसिदास प्रभु कीरति गाई ।।



Sunday, August 30, 2015

***শ্রীহনুমান স্তুতি *** SHRI HANUMAN STUTI*** in BENGALI***

***শ্রীহনুমান স্তুতি *** 

***শ্রীহনুমান স্তুতি *** 
***জয় শ্রীরাম জয় শ্রীরাম ***
***জয় শ্রীরাম জয় শ্রীরাম ***
সহস্র রবিসম তেজ প্রতাপ 
মহাবীর অবিকারী। 
জয় শ্রীহনুমান,শঙ্কর অবতার
মঙ্গল মূরতি বিহারী।  

***জয় শ্রীরাম জয় শ্রীরাম *** 
***জয় শ্রীরাম জয় শ্রীরাম ***
মনের সমান যার তীব্র গতি 

বায়ু সম যাঁর গতিবেগ। 
মহাশক্তিমান জীতেন্দ্রিয় 
বুদ্ধিমতায় মহাতেজ। 
***জয় শ্রীরাম জয় শ্রীরাম ***
***জয় শ্রীরাম জয় শ্রীরাম ***
স্বর্ণ সুমেরু সম কান্তি 

অতুলিত বলধাম। 
জ্ঞানীর তুমি অগ্রগণ্য 
সর্বগুণ অধিষ্ঠান।
***জয় শ্রীরাম জয় শ্রীরাম ***
***জয় শ্রীরাম জয় শ্রীরাম ***
পিঙ্গল অরুণ লোচন
পীতাম্বর তব বেশ। 
কর্ণে কুণ্ডল মন্ডিত 
স্বর্ণ পিঙ্গল কেশ। 
***জয় শ্রীরাম জয় শ্রীরাম ***
***জয় শ্রীরাম জয় শ্রীরাম ***
সদা বীরাসন শোভিত 

যজ্ঞ উপবীত ধারী। 
বজ্র অঙ্গ রাবণ হন্তারক 
চিরজীবিন নিষ্ঠাচারী। 
***জয় শ্রীরাম জয় শ্রীরাম ***
***জয় শ্রীরাম জয় শ্রীরাম ***
জানকী শোক নাশন 

লঙ্কা দহন কারী। 
রঘুনাথ প্রিয় ভক্ত 
সর্ব মঙ্গল কারী। 
***জয় শ্রীরাম জয় শ্রীরাম ***
***জয় শ্রীরাম জয় শ্রীরাম ***
স্বর্ণ অলংকার ভূষিত 

সুবর্ণ অঙ্গ সুঠাম। 
সন্ত হৃদয় সদাবসত 
জয় হনুমন্ত মহান।
***জয় শ্রীরাম জয় শ্রীরাম *** 
***জয় শ্রীরাম জয় শ্রীরাম ***
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রচনা --নূপুর Nupur
       

***LORD SRI HANUMAN SADHANA FOR SUCCESS***

***LORD SRI HANUMAN SADHANA FOR SUCCESS***
Lord Sri Hanuman not only provides Proection but also provide success in any good endeavor taken.This mantra helps to get success in life in a very short period of time.A simpler yet quite  effective form of powerful Lord Sri Hanuman mantra sadhana is being revealed here.
***LORD SRI HANUMAN MANTRA FOR SUCCESS***
"Om Namo Bhagawate Anjaneyaay Mahaabalaay Hanumate Namah"
"ॐ नमो भगवते आञ्जनेयाय महाबलाय हनुमते नमः"


***LORD SRI HANUMAN MANTRA FOR SUCCESS***
"Om Namo Bhagawate Anjaneyaay Mahaabalaay Hanumate Namah"
"ॐ नमो भगवते आञ्जनेयाय महाबलाय हनुमते नमः" 

***The birth of Sri Hanuman***

***The birth of Sri Hanuman***

It was the dasami (tenth) tithi in the dark half (Krishna Paksha) of the lunar month of Vaisakha. The star of the day was Purvabhadra, with Vaidhniti yoga. It was in that afternoon, Anjana delivered Sri Hanuman, in Karkataka lagna, at a very auspicious time.
Sri Hanuman was infact an incarnation of all Gods. Accordingly he took birth at a very auspicious time. He took birth decked in silk dress, diamond earrings, a golden YAJNPAVEETHA (sacred thread), diamond studded anklets, a kaupina (loin cloth) fixed to his skin. He had a mountain like body. He had broad shoulders. He had diamond crown and matching ornaments on the shoulders. He had auspicious signs on his soles. He had a huge tail and prominent cheeks.
He appeared as if he was an incarnation of Lord Vishnu, due to his luminescence.
To celebrate the birth of the divine child, the gods showered flowers. Divine drums started ringing in the Heavens. Gods and other celestial beings danced in happiness. Nature became very pleasant. There were pleasing winds. Sages who were involved in fire worship found good omens. Flowers started oozing honey and spread their aroma all round.
The divine child born to the Anjana was called “Anjaneya”. As he took birth due to the kindness of VAYU, he was called Vayunandana, Pavanasuta, or Anilakumara (the son of Vayu). As he was born as an aspect of Lord Siva he was called Sankarasuta (Son of Sankara) and Parvathi nandana (Son of Parvathi).
He was also called Kesari Nandana (the son of Kesari). Since he took birth with Yajropavita (sacred thread), he was called Bala Brahmachari (the child celibate) He could verily be called with any divine name, as he is an incarnation of all that is divine.

Tuesday, August 25, 2015

हनुमान जी के इन 12 नाम से कट जाते है सारे संकट जय जय श्री राम

***जय जय श्री राम***जय जय श्री राम***जय जय श्री राम***जय जय श्री राम***जय जय श्री राम

जय हनुमान
अंजनी सुत 
वायुपुत्र
महाबला:

रामेष्ट
पिंगाक्ष
फाल्गुन सखा
उदधिक्रमण
अमितविक्रम
सीताशोक विनाशनम
लक्ष्मण प्राण दाता
दश ग्रीव दर्पहा
जय जय श्री राम
हनुमान जी के इन 12 नाम से कट जाते है सारे संकट जय जय श्री राम

***जय जय श्री राम***जय जय श्री राम***जय जय श्री राम***जय जय श्री राम***जय जय श्री राम


Thursday, August 20, 2015

*****Lord Hanuman Ji Photographed Alive*****

*****Lord Hanuman Ji Photographed Alive*****

Being one of the Avatar of Bhagwan Shiv, Hanuman Ji has power of changing forms and size of his body.
The incident occurred in recent 21st century itself.

The picture was purportedly taken of LORD Sri Hanuman in a cave at Manasarovar Lake (Kailash) in the Himalayas during 1998 summer. On Sunday the 9th May, 1999, this strange picture of Hanuman reading the Ramayan, was first seen in the house of Sri V. Srinivasan at Rohini in North-West Delhi, and from there this picture got populated across internet.
V Srinivasan said “it is one of the few originals of theSri Hanuman photos.”
The government of India every year during the summer “before the onslaught of monsoon”, gives permissions after medical check up, to selected individuals and send them in groups to Manasarovar Lake near Kailash. Such groups necessarily will consist of different nationalities, and different people from different regions of India.
A group of people went to Manasarovar for a piligrimage trip. One person from the group of devotees taking the picture saw a light inside a cave, photoed that light and died there on the spot for reasons not known (this part every one is confirming who went along). Later the friends developed the roll from the camera and got this print!.
It is a fact that Sri Hanuman does exist in this Kaliyuga, our present age, since he is a Chiranjeevi (immortal).

Tuesday, August 18, 2015

***শ্রী হনুমান দ্বাদশ নাম ********THE 12 DIVINE NAMES OF LORD SRI HANUMAN*****

***শ্রী হনুমান দ্বাদশ নাম ***

১.হনুমান ২.অঞ্জনাসূনু ৩.বায়ুপুত্র ৪.মহাবল। 
৫.রামেষ্ট ৬.ফাল্গুণসখঃ ৭.পিঙ্গাক্ষ ৮.অমিতবিক্রমঃ। 
৯.উদধিক্রমনঃ ১০.সীতাশোকবিনাশকঃ 
১১.লক্ষ্মণপ্রাণদাতা ১২.দশগ্রীবস্যদর্পহা। 
শ্রী হনুমান দ্বাদশ নাম শুভকার্যে ও যাত্রা কালে নিত্য পাঠ করলে মৃত্যুভয় থাকে না ও সর্বত্র বিজয় প্রাপ্ত হয়।                     
*****THE 12 DIVINE 

NAMES OF 

LORD SHRI 

HANUMAN*****


1 HANUMAN

2 ANJANI SUT

3 VAAYU PUTRA

4 MAHA BAL

5 RAMESHT

6 FALGUN SAKHA

7 PINGASHA

8 AMIT VIKRAM
9 UDADHI KRAMAN
10 SITA SHOK BINASHAN
11 LAXMAN PRANDATA
12 DASHGRIV DARPAHA

***JAI SHRI RAM***

***JAI SHRI RAM***